Wednesday 11 May 2022

 योग प्रशिक्षको का तीस दिवसीय प्रशिक्षण प्रारम्भ

इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक मध्य प्रदेश के योग विज्ञान विभाग द्वारा कराया गया आयोजन।

रिपोर्ट आदर्श दुबे






आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आठवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के अवसर पर कॉमन योगा प्रोटोकॉल के प्रशिक्षको के प्रशिक्षण का एक माह का कार्यक्रम (11/05/2022 से 09/06/2022) योग विज्ञान विभाग, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक मध्य प्रदेश के द्वारा अंतर विश्वविद्यालय योग विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु (स्वायत्त संस्था विश्व विद्यालय अनुदान आयोग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार) के सौजन्य से प्रारम्भ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ 11 मई 2022 को सिस्को वेबेक्स के माध्यम से किया गया। इस ऑनलाइन/ ऑफलाइन मोड़ में लगभग 160 प्रतिभागी प्रतिभाग किये। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के माननीय कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में योग की ऐतिहासिक प्रष्ठभूमि एवं परम्परा को बताते हुये इसकी मानव जीवन मे महता के बारे में बताया। उन्होने कहा कि  योग के माध्यम से जुड़ाव भी होता है एवं योग के माध्यम से मुक्ति भी होती है उसी को मोक्ष कहा गया है। तथा योग एक ऐसी विधा है जिसके माध्यम से अलौकिक शक्तियाँ भी प्राप्त करते है। साथ ही योग हमें कुशलक्षेम, सुख, शांति, समन्वय एवं कुशलता एवं सर्व समत्व भी देता है।      

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि प्रो. बी. आर. रामकृष्ण, माननीय कुलपति, स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान सस्थान, बेंगलुरु ने अपने उद्बोधन में चित्त वृत्ति निरोध एवं समत्वम योग उच्चयते को स्पष्ट करते हुये कहा कि योग विधा के माध्यम से मानव अपने शारीरिक एवं मानसिक संतुलन को स्थापित करते हुये अपने जीवन को आनंदित बनाने की बात कही। इसके साथ- साथ आपने पंचकोष को बताते हुये आत्मा के बारे में भी बताया। उन्होने कहा कि सम्पूर्ण जीवन ही योग है। उपनिषद, रामायण एवं श्रीमद भगवत गीता मे योग को बताया। अष्टांग योग के नियमित अभ्यास से सर्वांगीण विकास संभव है। उन्होने पतंजलि योग दर्शन के अनुसार योग साधना से प्राप्त होने वाली अष्ट सिद्धियों को भी सरल शब्दों मे बताया। आपने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कॉमन योग प्रोटोकॉल के सरल आसनों एवं प्राणायाम को बताते हुये कहा है कि जन सामान्य इस प्रोटोकॉल का अभ्यास कर शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रह सकता है।                                               

कार्यक्रम का प्रारंभ मंगलाचरण एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुआ।  अतिथियों का स्वागत एवं आयोजन के उद्देश्यों के बारे में योग संकाय के संकायाध्यक्ष एवं निदेशक प्रो. आलोक श्रोत्रिय के द्वारा विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया।  संचालन समन्वयक डॉ हरेराम पाण्डेय एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ प्रवीण गुप्त ने किया। 

कार्यक्रम के आयोजन में, विभागाध्यक्ष प्रो जितेंद्र कुमार शर्मा, डॉ श्याम सुंदर पाल, डॉ संदीप ठाकरे, डॉ नीलम श्रीवास्तव, श्री, अरविंद गौतम, श्री विनोद वर्मा, श्री गौरव सिंह ,  श्री गुरुनाथ करनाल एवं विवेक नेगी कि सराहनीय भूमिका रही ।                                 

 

                                                       डॉ हरेराम पाण्डेय 

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